राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? राष्ट्रपति कौन बन सकता है? राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं

कैसे होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव? आसान भाषा में समझें पूरी प्रोसेस

भारत में राष्ट्रपति का पद ब्रिटेन के रानी के पद से लिया गया। राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है। आज मैं आपको बताऊंगा की भारत में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? और राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं क्या है?


राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? राष्ट्रपति कौन बन सकता है? राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं


राष्ट्रपति का चुनाव

राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनो सदनों के निर्वाचित सदस्य होंगे और विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य करते हैं। 


  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 में बताया गया है की राष्ट्रपति के चुनाव में ऐसे निर्वाचकगण शामिल होंगे जो संसद के दोनो सदनों के निर्वाचित सदस्य और विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य होंगे।
  • इसने विधान परिषद के सदस्य शामिल नहीं होंगे क्योंकि सभी राज्यों में विधान परिषद नहीं है । जब सभी राज्यों में विधान आरसी हो जायेगा तब विधान परिषद के निर्वाचित सदस्य वोट डाल सकेंगे।
  • इसने लोक सभा के दो एंग्लो इंडियन सदस्य वोट नहीं डाल सकते हैं क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति ही निर्वाचित करते हैं।
  • राज्य सभा के 12 मनोनित सदस्य भी राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा भी लेंगे क्योंकि उन्हें भी राष्ट्रपति ही निर्वाचित करते हैं।
  • अनुच्छेद 55 में बताया गया है की सभी राज्यों के प्रतिनिधित्व के मापमान एकरूपता होगी।

किसी भी राज्यों के विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य के उतने मत होंगे जो उस राज्य के जनसंख्या में उस राज्य के विधान सभा के सदस्य से भाग देने पर भागफल आए और उस भागफल में 1000 में से भाग करने पर आए।

उदाहरण : 

MLA= राज्य की कुल जनसंख्या × 1     
             कुल MLA                   1000

संसद के किसी भी सदन के निर्वाचित सदस्य का मत उतना होगा जितना सभी राज्यों के MLA से दोनो सदन के कुल सदस्य से भाग देने पर भागफल आए ।

उदाहरण: 

ML =  देश के कुल MLA 
          कुल MP ( दोनो सदनों के )

सभी राज्यों के MLA के कुल वोट 5,43,231 है और देश के दोनो सदनों के सदस्यों की कुल वोट 5,43,200 है। कुल MLA और कुल MP की वोट लगभग बराबर है यानी की संसद के सदस्यों की वोट पूरे देश की MLA के वोट के बराबर है। दोनो को जोड़ दिया जाए तो कुल वोट 10,86,431 वोट होते हैं यानी की राष्ट्रपति के चुनाव में कुल 10,86,431 वोट होते हैं।

राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एकलसंक्रमणीय पद्धति द्वारा अनुपातिक प्रणाली में होती है।

उदाहरण: 

        A                     B                   C
        1                      2                   3
        3                      3                   2
        1                      2                   3
        2                      1                   3
        3                      1                   2  
        2 (1st)             2 (1st)          0 (1st)
        1 (2nd)           2 (2nd)

प्रथम चरण : 

सबसे ज्यादा किस प्रत्याशी को पहला नंबर मिला है। सबसे ज्यादा प्रत्याशी A aur B दोनों को 2 , 2 वोट मिला और प्रत्याशी C को सबसे कम 0 इसीलिए सबसे कम वोट वाले को बाहर कर दिया जाता है और उसका वोट बाकी बचे प्रत्याशी में ट्रांसफर कर दिया जाता है। दोनो को बराबर वोट मिलने के कारण दूसरा चरण होता है।

द्वितीय चरण : 

दूसरा चरण में दूसरा स्थान सबसे ज्यादा प्रत्याशी B को मिला है इसीलिए प्रत्याशी B जीत गया।


राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? राष्ट्रपति कौन बन सकता है? राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं


राष्ट्रपति का चुनाव कौन लड़ सकता है?

राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए संसद के किसी भी सदन से या दोनों सदन को मिलाकर काम से काम 50 प्रस्तावक होना चाहिए और 50 अनुमोदक जो उस प्रस्तावक के साथ खरा हो और बोले की हम इनका समर्थन करते है की ये राष्ट्रपति का चुनाव लड़ें।

राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं

  • राष्ट्रपति का चुनाव लडने के लिए काम से काम उस व्यक्ति की उम्र 35 वर्ष होनी चाहिए।
  • वह भारत का नागरिक हो।
  • जो व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहता है वो दिवालिया न हो।
  • वह किसी लाभ के पद पर न हो।
  • उसकी मानसिक स्थिति खराब न हो।
राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ने की योग्यता पर खड़े उतरने के बाद उसे अपना नामांकन दाखिल करवाना होता है जिसके लिए उसे 15000 रुपए या उससे अधिक जमा करने होते हैं। फिर उसे 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक की जरूरत पड़ती है। 

राष्ट्रपति की शक्तियां

राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है और सभी सेनाओं की कमांड राष्ट्रपति के हाथों में होती है। कोई भी कानून अगर संसद में पास हुआ हो तो उसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। राष्ट्रपति अगर चाहे तो वह किसी की भी सजा को माफ कर सकता है। राष्ट्रपति फांसी की सजा को भी माफ कर सकता है।

राष्ट्रपति का सपथ ग्रहण

राष्ट्रपति को सपथ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश दिलाते है।